Analysis of information sources in references of the Wikipedia article "जोरावरसिंह बारहठ" in Hindi language version.
ठा० जोरावरसिंह बारहठ राजस्थान केसरी ठा० केसरीसिंह बारहठ के छोटे भाई व अमर शहीद कुवर प्रतापसिंह के चाचा थे। प्रतापसिंह के पिता ठाकुर केशरीसिंह बारहठ का उदयपुर और कोटा राज दरबारो मे बहुत मान था । यद्यपि वे देशी राज्यो मे ऊँचे पद पर थे परन्तु छिपे-छिपे उनका सम्बन्ध क्रान्तिकारी दल मे था । उन्होने अपने छोटे भाई ठाकुर जोरावरसिंह बारहठ, अपने जामात ईश्वर दान आसिया और पुत्र प्रतापसिंह बारहठ को मास्टर अमीरचन्द के पास भेज दिया था।
ठाकुर जोरावरसिंह बारहठ राजस्थान केसरी ठाकुर केसरीसिंह बारहठ के छोटे भाई और अमर शहीद प्रताप सिंह के चाचा थे। उनका बाल्यकाल शाहपुरा, उदयपुर और जोधपुर के जागौरी घरानों के साथ बीता। पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने थोड़े दिनों तक जोधपुर राजघराने में काम किया, किन्तु अटूट देशभक्ति के कारण वहाँ रम नहीं सके और क्रान्तिकारी गतिविधियों से जुड़ गये।
He was a great revolutionary leader who had contacts with Arbindo Ghose and Swami Kumaranand who came to Kharwa in the year 1906. This was a time when the leaders like Ras Bihari Bose, Damodar Das Rathi, Arjun Lal Sethi, Kesari Singh Barhat, Thakur Zorawar Singh (who threw a bomb on Lord Harding) and Bijay Singh..