नारायणी सेना (Hindi Wikipedia)

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  • Dvivedī, Aśvinī Kumāra (1984). Vāggeyakāra Svāmī Haridāsa. Sāhitya Kuṭīra. पृ॰ 96. श्रीकृष्ण की अपनी जो सेना थी, और जिसके वही संचालक थे, 'नारायणी' के नाम से प्रसिद्ध थी। नारायणी का एक-एक सिपाही आभीर वंश का था। आभीरों की यही सेना श्रीकृष्ण की आज्ञा से दुर्योधन को दिये वचन के अनुसार महाभारत में दुर्योधन की ओर से लड़ी थी।
  • अग्रवाल, रामनारायण (1981). ब्रज का रास रंगमंच. नेशनल पब्लिशिंग हाउस. पृ॰ 18. भगवान कृष्ण ने दुर्योधन को महाभारत में लड़ने के लिए जो नारायणी सेना दी थी वह आभीरों की ही थी। संसप्तकों में भी वीर आभीर योद्धा विद्यमान थे। द्रोण की सुवर्ण-व्यूह रचना में आभीरों का मुख्य स्थान था।
  • अग्रवाल, रामनारायण (1981). ब्रज का रास रंगमंच. नेशनल पब्लिशिंग हाउस. पृ॰ 18. भगवान कृष्ण ने दुर्योधन को महाभारत में लड़ने के लिए जो नारायणी सेना दी थी वह आभीरों की ही थी। संसप्तकों में भी वीर आभीर योद्धा विद्यमान थे। द्रोण की सुवर्ण-व्यूह रचना में आभीरों का मुख्य स्थान था।
  • Dvivedī, Aśvinī Kumāra (1984). Vāggeyakāra Svāmī Haridāsa. Sāhitya Kuṭīra. पृ॰ 96. श्रीकृष्ण की अपनी जो सेना थी, और जिसके वही संचालक थे, 'नारायणी' के नाम से प्रसिद्ध थी। नारायणी का एक-एक सिपाही आभीर वंश का था। आभीरों की यही सेना श्रीकृष्ण की आज्ञा से दुर्योधन को दिये वचन के अनुसार महाभारत में दुर्योधन की ओर से लड़ी थी।
  • Dvivedī, Aśvinī Kumāra (1984). Vāggeyakāra Svāmī Haridāsa. Sāhitya Kuṭīra. पृ॰ 96. श्रीकृष्ण की अपनी जो सेना थी, और जिसके वही संचालक थे, 'नारायणी' के नाम से प्रसिद्ध थी। नारायणी का एक-एक सिपाही आभीर वंश का था। आभीरों की यही सेना श्रीकृष्ण की आज्ञा से दुर्योधन को दिये वचन के अनुसार महाभारत में दुर्योधन की ओर से लड़ी थी।
  • अग्रवाल, रामनारायण (1981). ब्रज का रास रंगमंच. नेशनल पब्लिशिंग हाउस. पृ॰ 18. भगवान कृष्ण ने दुर्योधन को महाभारत में लड़ने के लिए जो नारायणी सेना दी थी वह आभीरों की ही थी। संसप्तकों में भी वीर आभीर योद्धा विद्यमान थे। द्रोण की सुवर्ण-व्यूह रचना में आभीरों का मुख्य स्थान था।

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