Analysis of information sources in references of the Wikipedia article "नारायणी सेना" in Hindi language version.
The Narayani Army which the Krishna organised and which made him so powerful that his friendship was eagerly sought by the greatest kings of his time, is described in the Mahabharata as being all of the Ahir caste.
Arjuna had killed all Kauravas and was defeated by Abhiras was only Hari's play.
आज उन्हीं कृष्ण के बिना, मुझे गोपों ने हरा दिया। जिनके प्रभाव से यह गाण्डीव तीनों लोकों में विख्यात था , आज उन्हीं के अभाव में यह अहीरों की लाठियों से व्यर्थ हो गया।
श्रीकृष्ण की अपनी जो सेना थी, और जिसके वही संचालक थे, 'नारायणी' के नाम से प्रसिद्ध थी। नारायणी का एक-एक सिपाही आभीर वंश का था। आभीरों की यही सेना श्रीकृष्ण की आज्ञा से दुर्योधन को दिये वचन के अनुसार महाभारत में दुर्योधन की ओर से लड़ी थी।
भगवान कृष्ण ने दुर्योधन को महाभारत में लड़ने के लिए जो नारायणी सेना दी थी वह आभीरों की ही थी। संसप्तकों में भी वीर आभीर योद्धा विद्यमान थे। द्रोण की सुवर्ण-व्यूह रचना में आभीरों का मुख्य स्थान था।
भगवान कृष्ण ने दुर्योधन को महाभारत में लड़ने के लिए जो नारायणी सेना दी थी वह आभीरों की ही थी। संसप्तकों में भी वीर आभीर योद्धा विद्यमान थे। द्रोण की सुवर्ण-व्यूह रचना में आभीरों का मुख्य स्थान था।
श्रीकृष्ण की अपनी जो सेना थी, और जिसके वही संचालक थे, 'नारायणी' के नाम से प्रसिद्ध थी। नारायणी का एक-एक सिपाही आभीर वंश का था। आभीरों की यही सेना श्रीकृष्ण की आज्ञा से दुर्योधन को दिये वचन के अनुसार महाभारत में दुर्योधन की ओर से लड़ी थी।
श्रीकृष्ण की अपनी जो सेना थी, और जिसके वही संचालक थे, 'नारायणी' के नाम से प्रसिद्ध थी। नारायणी का एक-एक सिपाही आभीर वंश का था। आभीरों की यही सेना श्रीकृष्ण की आज्ञा से दुर्योधन को दिये वचन के अनुसार महाभारत में दुर्योधन की ओर से लड़ी थी।
भगवान कृष्ण ने दुर्योधन को महाभारत में लड़ने के लिए जो नारायणी सेना दी थी वह आभीरों की ही थी। संसप्तकों में भी वीर आभीर योद्धा विद्यमान थे। द्रोण की सुवर्ण-व्यूह रचना में आभीरों का मुख्य स्थान था।