"Pg.28 : महकवि अश्वघोष ने अपने महाकाव्य 'बुद्धचरित' में शुद्धोधन को इक्ष्वाकु वंश का राजा लिखा है-
ऐक्ष्वाक इक्ष्वाकुसमप्रभावः शाक्येष्वशक्येषु विशुद्धवृतः । प्रियः शरच्चन्द्र इव प्रजानां शुद्धोदनो नाम वभूव राजा ।। 10,
अपने दूसरे ग्रन्ध 'सौन्दरानन्द' में अश्वघोष ने 'उन इक्ष्वाकुवंशी राजाओं को 'शाक्य' कहा जो शाक-वृक्षों से घिरे हुए स्थान पर रहे, वे शाक्य कहलाये-
"शाक वृक्ष प्रतिच्छन्न वासं यस्माच्च चकिरे।
तस्मादिक्ष्वाकुवंश्यास्ते भूवि शाक्या इति स्मृताः।।" Shakya, Dr Agyaram (2018-04-05). Samrat Ashok. Rajmangal Publishers. पृ॰ 28. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰978-81-936997-8-2.