Analysis of information sources in references of the Wikipedia article "हरिदास केसरिया" in Hindi language version.
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अमान्य टैग है; ":0" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका हैराणा सांगा ने तो अपना दस करोड़ को आय वाला चित्तौड़-राज्य ही महियारिया शाखा के चारण हरिदास को प्रदान कर दिया था।
युद्धवीर साँगा हम्मीर की तरह दानवीर भी थे। हरिदास केसरिया को चित्तौड़ ही दान कर दिया था पर उसने मांडू-विजय की खुशी में प्राप्त चित्तौड़ लोटा दिया।
Rana publicly announced that he would give away his whole kingdom of Mewar to Charan Haridas of the Mahiyaria clan. Haridas humbly refused the offer and accepted only twelve villages . One of those villages was still kept in the possession of Charan's descendants, when Kavi Raja Shyamaldan wrote his book in the closing decades of the 19th century.
सांगा ने हरिदास महियारिया को चित्तौड़ का राज्य देकर प्रथम राष्ट्र कवि के पद पर आसीन किया । हरिदास ने खानवा प्रथम स्वाधीनता के निर्णायक युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी।